वो तकरार भी मीठी होती है तुम्हारे साथ,
वो तन्हाई भी महफ़िल होती है तुम्हारे साथ,
वो लड़ाइयाँ भी कहकहे होती हैं तुम्हारे साथ,
वो छोटी-छोटी बातें भी ख़ास होती हैं तुम्हारे साथ,
वो झुकी निगाहें भी बोलती हैं तुम्हारे साथ,
वो दूर तक साथ चलना भी कम लगता है तुम्हारे साथ,
वो रास्तें कहीं ख़त्म न हों तुम्हारे साथ,
बस…. वो कहते हैं न हिसाब लगाने से कीमत कम हो जाती है !!